kabhee - kabhee ~~~~ कभी - कभी
Friday, October 25, 2013
आत्म विश्लेषण
मैं हिमनद नहीं
,
सागर नहीं
,
मैं नहीं भूचाल हूँ
जो मलिनता से परे हो
,
ऐसा लघुतम ताल हूँ
जीतने की चाह है पर
,
बिन किसी को कुचले ही
मंदगति लेकिन निरंतर
,'
जय
'
मैं कछुआ चाल हूँ
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