kabhee - kabhee ~~~~ कभी - कभी
Friday, April 13, 2018
बच्चियाँ
पुष्पदल रो के कहें, अब न मुस्कुरायेंगे
जलद शोकग्रस्त हैं, अब न जल गिराएँगे
भेड़ की खालों में छुपे भेड़िये हैं सब जगह
अपनी बच्चियों को 'जय' कैसे हम बचाएँगे
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