kabhee - kabhee ~~~~ कभी - कभी
Sunday, April 22, 2018
उलझन
उन्हें होंठों का तिल लगता बहुत प्यारा, बहुत न्यारा
किसी का साँवला रंग हो तो उन्हें लगता नहीं प्यारा
नयन ही हैं जो आकर्षण के जालों को स्वयं बुनते,
स्वयं ही 'जय' उलझते और स्वयं बन जाते बेचारा
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