पहाड़ की चोटियों पर फैला सुनहरा उजाला सूरज के ढलने का उदघोष करने लगा है ।
पक्षियों ने पंख फैलाये और नीड़ की तरफ उड़ चले हैं। कोयल की कूक में व्यग्रता सी है। बाजारों में चहल पहल बढ़ गयी है । होटल के काउंटर ओर भीड़ बढ़ने लगी हैं। टैक्सी स्टैंड पर जमावड़ा बढ़ गया है। सचमुच में शाम ढलने लगी है।
झील के पास की हवा अब और अधिक ठण्डी हो गयी है। ढलान पर पैदल चल रहीं नवविहिताएँ अपने साथी के कंधों पर सिर टिकाए हैं और बाँह से उसकी कमर को जकड़े हुए हैं। सचमुच में पहाड़ों पर शाम आने को है।
चढ़ती सड़क पर जोड़े एक दूसरे को हाथों से थामे हुए बोझिल कदमों से बढ़ रहे हैं । ऐसा लग रहा है जैसे पुरुष जबरदस्ती महिला साथी को घसीट कर ले जाना चाहता है । सचमुच में कुछ देर के बाद एक और मदमस्त शाम आने ही वाली है।
झील के पास बनी बड़ी मस्जिद से आनेवाली अजान की आवाज यह घोषित कर रही है कि अगले कुछ मिनटों में सूर्यास्त होने वाला है।
घने पहाड़ों के बीच बीच में झाँकती विरली इमारतें पर्यावरण को चुनौती देती हुई प्रतीत हो रही हैं । इसका प्रमाण है झील की पूर्व दिशा पर लगातार हुए भूक्षरण और भूस्खलन से नङ्गी हो चुकी चोटियाँ और इन्ही स्थलों पर चमकती ढलते सूरज की सुनहरी धूप सभी आनेजाने वालों से इस सुरम्य घाटी के पर्यावरण को बचाये रखने का अनुरोध कर रही है।
अब प्रकाश के सुनहरेपन को अँधेरा ढकने लगा है । कृतिम प्रकाश दीप जलने लगे हैं । झील एक बार फिर से गूँगी हो चली है। स्वल्पाहार केंद्रों और भोजनालयों पर सैलानी प्रतीक्षरत हैं । मालरोड गुलजार हो चला है। सड़कों पर आवागमन बढ़ रहा है।
अधिकतर लोगों ने ऊनी वस्त्र पहन रखे हैं। झील के पार्क में बनी हट्स और कुर्सियों पर जनसामान्य से बेखबर अभी भी कई जोड़े एक दूसरे से सटे, कन्धों पर सिर रखे और कमर पर बाजुएँ लपेटे भविष्य के तानेबाने बुन रहे हैं। वातावरण में ठण्डक बढ़ रही है किंतु जोड़े इसे महसूस नहीं कर रहे हैं और इस उम्र में करना भी नहीं चाहिए।
रात में आये गाँव के दो नवविवाहित जोड़े आज सुबह होटल में गर्मजोशी से मिले । लड़कों और बहुओं ने आगे बढ़कर चरणस्पर्श किया और आशीर्वाद लिया । मुझे बहुत अच्छा लगा। घर से सैकड़ों मील दूर ऐसी आत्मीयता और सम्मान मिले तो दिल भर आता है और कण्ठ अवरुद्ध हो जाता है।
पक्षियों ने पंख फैलाये और नीड़ की तरफ उड़ चले हैं। कोयल की कूक में व्यग्रता सी है। बाजारों में चहल पहल बढ़ गयी है । होटल के काउंटर ओर भीड़ बढ़ने लगी हैं। टैक्सी स्टैंड पर जमावड़ा बढ़ गया है। सचमुच में शाम ढलने लगी है।
झील के पास की हवा अब और अधिक ठण्डी हो गयी है। ढलान पर पैदल चल रहीं नवविहिताएँ अपने साथी के कंधों पर सिर टिकाए हैं और बाँह से उसकी कमर को जकड़े हुए हैं। सचमुच में पहाड़ों पर शाम आने को है।
चढ़ती सड़क पर जोड़े एक दूसरे को हाथों से थामे हुए बोझिल कदमों से बढ़ रहे हैं । ऐसा लग रहा है जैसे पुरुष जबरदस्ती महिला साथी को घसीट कर ले जाना चाहता है । सचमुच में कुछ देर के बाद एक और मदमस्त शाम आने ही वाली है।
झील के पास बनी बड़ी मस्जिद से आनेवाली अजान की आवाज यह घोषित कर रही है कि अगले कुछ मिनटों में सूर्यास्त होने वाला है।
घने पहाड़ों के बीच बीच में झाँकती विरली इमारतें पर्यावरण को चुनौती देती हुई प्रतीत हो रही हैं । इसका प्रमाण है झील की पूर्व दिशा पर लगातार हुए भूक्षरण और भूस्खलन से नङ्गी हो चुकी चोटियाँ और इन्ही स्थलों पर चमकती ढलते सूरज की सुनहरी धूप सभी आनेजाने वालों से इस सुरम्य घाटी के पर्यावरण को बचाये रखने का अनुरोध कर रही है।
अब प्रकाश के सुनहरेपन को अँधेरा ढकने लगा है । कृतिम प्रकाश दीप जलने लगे हैं । झील एक बार फिर से गूँगी हो चली है। स्वल्पाहार केंद्रों और भोजनालयों पर सैलानी प्रतीक्षरत हैं । मालरोड गुलजार हो चला है। सड़कों पर आवागमन बढ़ रहा है।
अधिकतर लोगों ने ऊनी वस्त्र पहन रखे हैं। झील के पार्क में बनी हट्स और कुर्सियों पर जनसामान्य से बेखबर अभी भी कई जोड़े एक दूसरे से सटे, कन्धों पर सिर रखे और कमर पर बाजुएँ लपेटे भविष्य के तानेबाने बुन रहे हैं। वातावरण में ठण्डक बढ़ रही है किंतु जोड़े इसे महसूस नहीं कर रहे हैं और इस उम्र में करना भी नहीं चाहिए।
रात में आये गाँव के दो नवविवाहित जोड़े आज सुबह होटल में गर्मजोशी से मिले । लड़कों और बहुओं ने आगे बढ़कर चरणस्पर्श किया और आशीर्वाद लिया । मुझे बहुत अच्छा लगा। घर से सैकड़ों मील दूर ऐसी आत्मीयता और सम्मान मिले तो दिल भर आता है और कण्ठ अवरुद्ध हो जाता है।
भान्जे द्वारा होटल व्यवस्था और बेटे द्वारा यात्रा खर्च की व्यवस्था ... आखिर फक्कड़ 'जय' को घुमक्कड़ बनना ही पड़ा ।
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