Sunday, April 1, 2018

साथ आपका




निर्मल जल सा मन है आपका, तन है आपका रेत सुनहरा
नील गगन सी असीम इच्छाएं, साथ है आपका हरित धरा
चलो,पवन संग चलें गगन तक, रेत कणों पर जल बरसायें
पुनः पल्लवित कुसुमित हो 'जय', धरती के होकर रह जाएँ

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