kabhee - kabhee ~~~~ कभी - कभी
Tuesday, November 12, 2013
आगत माँ
बादल से हम बिजली को क्यों छीन रहे हैं
तरुवर से हम शाखों को क्यों छीन रहे हैं
बालिका भ्रूण की हत्या कर 'जय' धरती से
आह ! स्वयं से आगत माँ क्यों छीन रहे हैं
चित्र सौजन्य : गूगल
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