kabhee - kabhee ~~~~ कभी - कभी
Sunday, November 10, 2019
पिंजर
एक उछलता दरिया सुंदर
दूजा है गम्भीर समन्दर
एक शुभ्र पानी भरा बादल
दूजा श्यामल नीला अम्बर
एक बना आँधी मतवाली
दूजा शांत हो चुका बवंडर
दरिया-बादल-आँधी छुपकर
हिला गए सब 'जय' का पिंजर
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