Thursday, June 3, 2010

नयन तुम्हारे भरवाँ करेले

होंठ तुम्हारे रसीली सब्जी
दोनों गाल पराठे कुरमुर
नयन तुम्हारे भरवाँ करेले
कान तुम्हारे पापड चुरमुर

नाभि तुम्हारी दूध कटोरी
कमर कि जैसे प्याज के छल्ले
गरदन सुन्दर शिमला मिर्ची
भरे नितम्ब दही के भल्ले

मोहन भोग रसीले यौवन
है चटनी की सुन्दर प्याली
'जय' बाहें है सेम की फलियाँ
गाजर जैसी टाँगे निराली

No comments:

Post a Comment