kabhee - kabhee ~~~~ कभी - कभी
Sunday, December 29, 2013
मुनासिब हो तो ......
मेरे जानिब अगर आना
गिले-शिकवे सजा लाना,
मुनासिब हो तो हाथों में
कोई पत्थर उठा लाना,
हुई मुद्दत मेरे जानिब
कोइ हमदम नहीं आया,
ज़माने बाद खबर आयी
तुम्हे 'जय' इस शहर आना
चित्र सौजन्य : गूगल
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