kabhee - kabhee ~~~~ कभी - कभी
Monday, April 16, 2018
यादें
कटहल की घनी छाँव और मंजरी रसाल की
मखमल सी हरी कोंपले पीपल विशाल की
गुच्छों में लदी फलियाँ 'जय' दूर से पुकारतीं
आयी है याद आज उस इमली की डाल की
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment