kabhee - kabhee ~~~~ कभी - कभी
Saturday, April 14, 2018
याद
मदिर, मधुर, मन्द महक महुआ के फूलों की
तप्त ज्येष्ठ में प्रकट उन धूल के बगूलों की
बहुत याद आते 'जय', गाँव में जब जाता हूँ
ममता की छाँव तले उन बचपन के झूलों की
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