kabhee - kabhee ~~~~ कभी - कभी
Wednesday, March 28, 2018
हमारे हो
कहते हो हमारे हो, दिखते भी हमारे हो
मौके पे पता चलता, कि कितने हमारे हो
मंज़िल को चले थे हम, एक ही कश्ती से
'जय' बीच मे डूबा पर, तुम तो किनारे हो
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