kabhee - kabhee ~~~~ कभी - कभी
Sunday, December 29, 2013
मुहब्बत की है मैंने भी
कभी आये अगर आँसू, तो आँखों में छुपा लूँगा
गुनहगारों की महफ़िल में, अपना सिर झुका लूँगा
मुझे मेरे मुकद्दर से, कोई शिकवा नहीं है 'जय'
मुहब्बत की है मैंने भी, ये दुनिया को दिखा दूँगा
चित्र सौजन्य : गूगल
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment