कानपुर से पटना तक ॥
डीलक्स ट्रेन की ए सी सी कार में,
इस लम्बे सफ़र में चला जा रहा था ।
मैं चला जा रहा था एक पत्रिका को पलटते हुए
साथ ही अपनी नज़रों को इधर उधर फेंकते हुए
कानपुर से पटना तक ॥
बहत्तर कुर्सियों में कुल साठ जमा यात्री
कई ऊँघ रहे थे, कई सो रहे थे ।
मगर एक जवाँ जोड़ा ठीक मेरे पीछे
न ऊँघ रहा था, न सो रहा था
कानपुर से पटना तक ॥
ग्राम-पुत्र मन से डिब्बे में रंग लपेट रहा है
मैं सामने लगी तस्वीर को देख रहा था ।
मोटे मोटे अक्षरों में 'भारत' मगर इसके ऊपर
आई एन डी आई ए के पाँच छोटे अक्षर
कानपुर से पटना तक ॥
गौर से देखा तब मैंने पाया
मेरे साथी मांगीलाल सोने के बहाने
अपनी सहयात्री का हाथ छू रहे थे बार बार
जगने के बहाने हटा रही थी हाथ वह लगातार
कानपुर से पटना तक ॥
मेरे बगल क्लीनशेव वाले भइया
सो रहे थे जो जूते उतारते ही जग गए ।
आवाज़ से नहीं, न किसी शोर से
वह तो जगे थे मोजों के जोर से
कानपुर से पटना तक ॥
इलाहाबाद आया और गाडी रुक गयी
कई महिलायें टायलेट पर जम गयी ।
गर्मी के नल सा चाय वाला गुम हुआ
कई भद्रपुरुष भेदभरी नज़रों से उसे खोजते रहे
कानपुर से पटना तक ॥
कुछ ए सी की सर्दी से, कुछ तन की गर्मी से
मेरे पीछे वाला जोड़ा अब सिमट रहा था ।
शांत डिब्बे में कभी कोई खाँसता, मगर नवयुवक
सिमट चुका था नवबधु के कम्बल के अन्दर
कानपुर से पटना तक ॥
एक भद्र नारी ने दरवाजे को धकेला
फिर दो मिनट बाद मेरी तरफ देखा ।
मैंने बताया कि अपनी तरफ खींचो
क्योंकि लिखा है पी यू एल एल
कानपुर से पटना तक ॥
गाडी रुकी है, यह मुगलसराय है
एक दरोगा जी चढ़े और मेरे पीछे बैठ गए ।
युवक कुछ सचेत हुआ तो दरोगा जी बोले,
'सारी, मैंने सोचा था कि एक सीट खाली है'
कानपुर से पटना तक ॥
टी टी के आते ही महिला ने पूछा
'इनकी कौन सी सीट है बड़ा बदतमीज है'।
मांगीलाल बेचारे को सीट से उठाया गया
वृद्ध महिला के पड़ोस में उनको बिठाया गया
कानपुर से पटना तक ॥
जैसे जीता हुआ नेता जनता के बजाय
देखता है केवल पैसा और सत्ता को ।
पार कर रही थी गाडी उपेक्षा से
दूर हरा देख कर छोटे स्टेशनों को
कानपुर से पटना तक ॥
मांगीलाल सोता रहा बहुत बेखबर
अपना सर रख कर वृद्धा की बाँह पर
वृद्धा का हाथ था मित्रवर के गाल पर
सन्न रह गया मैं दोस्त के हाल पर
कानपुर से पटना तक ॥
जैसे ही मैंने मित्र को जगाया
आग्नेय नेत्रों से 'जय' को डराया
मगर तभी देखा वृद्धा का चेहरा
पूछ बैठे, 'क्या पटना आ गया'
गाडी से उतरते ही मुस्कुरा कर बोले
'पहली वाली नारी का सपना देख रहा था'
कानपुर से पटना तक ॥
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